ताजमहल

ताजमहल, जिसे प्रेम का अनमोल प्रतीक माना जाता है, भारत के आगरा शहर में यमुना नदी के किनारे स्थित है। इस अद्वितीय स्मारक की स्थिरता और सुंदरता हर दर्शक को मंत्रमुग्ध कर देती है। मुगल सम्राट शाहजहाँ द्वारा अपनी प्रिय पत्नी मुमताज़ महल की याद में बनवाया गया यह मकबरा वास्तु कला का एक उत्तम उदाहरण है।

ताजमहल का निर्माण कार्य वर्ष 1632 में प्रारंभ हुआ और लगभग 22 वर्षों में यह अभूतपूर्व स्मारक बनकर तैयार हुआ। इसमें मुख्य रूप से सफेद संगमरमर का उपयोग किया गया है, जो राजस्थान के मकराना से लाया गया था। इसके निर्माण में सबसे कुशल कारीगरों, वास्तुकारों और कलाकारों ने योगदान दिया।

अष्टकोणीय संरचना वाले इस मकबरे में एक प्रमुख गुंबद है जिसकी ऊंचाई लगभग 35 मीटर है। गुंबद के चारों ओर चार मीनारें खड़ी हैं, जो इसे संतुलन प्रदान करती हैं। संगमरमर की सतह पर फूलों और ज्यामितीय नक्काशी का काम, संगमरमर के विभिन्न रंगों और मुलायम पत्थरों से किया गया है, जिससे यह एक सुंदर दृश्य प्रस्तुत करता है।

ताजमहल का बगीचा भी इसकी अद्वितीयता को बढ़ाता है। चारबाग शैली में बनाए गए इस बगीचे में पानी की नहरें और फव्वारे हैं, जो इसकी सुंदरता को और बढ़ाते हैं। सूर्योदय और सूर्यास्त के समय ताजमहल का दृश्य विशेष रूप से आकर्षक होता है, जब संगमरमर के पत्थर पर हल्की सुनहरी छटा बिखर जाती है।

यह स्मारक न केवल एक स्थापत्य अजूबा है, बल्कि यह भारतीय सांस्कृतिक धरोहर का एक अहम हिस्सा भी है। यहां हर साल लाखों पर्यटक आते हैं, जो इसकी अद्वितीयता को महसूस करते हैं।

ताजमहल की कहानी सिर्फ ईंट और पत्थर की नहीं है, बल्कि यह एक अमर प्रेम कथा का प्रतीक है। इसका हर अंश, हर नक्काशी, प्रेम की गहराई को बखूबी व्याख्यायित करता है। चाहे वह धूप हो या चांदनी, ताजमहल की सुंदरता हर समय, हर मौसम में बेमिसाल रहती है। इसीलिए, ताजमहल को विश्व धरोहर स्थल का दर्जा प्राप्त है और यह सदियों से प्रेमियों को अपनी ओर आकर्षित कर रहा है।